भाषाएँ :
संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, हिंदी एवं अंग्रेजी ।
वैदिक गणित :
महर्षिओं द्वारा रचित शास्त्र ग्रंथो में दर्शाए गए १६ सूत्रों के आधार पर निर्मित गणना पद्धति का अभ्यास ।
गणित :
गणना की सरल और शीघ्र पद्धतियाँ एवं व्यवहारिक गणनाओं का अध्ययन ।
ज्योतिष् शास्त्र :
पंचांग, होरा, सुवेला, चोघडीया, मुहूर्त, कुंडली-फ़लादेश, शुकन शास्त्र, हस्त रेखा, अष्टांग निमित्त इत्यादि का अध्ययन ।
आयुर्वेद :
दिनचर्या, ऋतुचर्या एवं जीवनचर्या के विषय पर आधारित ग्रंथो का अध्ययन ।
वास्तु शास्त्र :
गृह, मंदिर एवं व्यापारिक संस्थान के निर्माण हेतु वास्तु शास्त्र के आधार पर पूर्वाचार्यो रचित शास्त्रों का अध्ययन ।
धर्म शास्त्र :
आध्यात्मिक शक्ति के विकास में सहायक धर्म ग्रंथो का अध्ययन ।
इतिहास :
रामायण, महाभारत, जैन धर्म का इतिहास एवं विश्व की विभिन्न परम्पराओं का ज्ञान ।
योग शास्त्र :
विविध योगासन, प्राणायाम, ध्यान, साधना आदि का ज्ञान ।
न्याय शास्त्र :
तर्क संग्रह, मुक्तावली इत्यादि विषयों का ज्ञान ।
व्यवसाय विद्या :
हिसाब लेन-देन, ख़रीदना-बेचना, उत्पादन व निर्माण, व्यवस्था व संचालन, प्रचार-प्रसार इत्यादि का अध्ययन ।
अर्थ शास्त्र :
वित्तीय व्यवस्था एवं मूल्याङ्कन, व्यावसायिक परिस्थिति इत्यादि का अध्ययन ।
कृषि व पशु शास्त्र :
आबोहवा, भूमि, कृषि, बियारण, जल इत्यादि के माध्यम से पशु आधारित जैविक कृषि एवं पशु पालन का ज्ञान ।
पर्यावरण शास्त्र :
जल, जमीं, जंगल एवं पशु संबधित विषयों का ज्ञान ।
समाज शास्त्र :
सामाजिक व्यवस्था, ग्राम्य रचना, व्यक्ति विशेष के जीवन चरित्र इत्यादि का विवरण ।
भूगोल शास्त्र :
देश, दुनिया, समुद्र, पर्वत, खंड, उपखंड इत्यादि विषयों का ज्ञान और संग्रहणी एवं क्षेत्रसमास का अध्ययन।
खगोल शास्त्र :
अंतरिक्ष का अवलोकन एवं ग्रह, तारा और सूर्य-चन्द्र का ज्ञान ।
सामान्य ज्ञान :